आज बिछडे है [Aaj Bichhde Hai] [Transliteration]
आज बिछडे है [Aaj Bichhde Hai] [Transliteration]
आज बिछड़े हैं, कल का डर भी नहीं
जिन्दगी इतनी मुख़्तसर भी नहीं
जख्म दिखते नहीं अभी लेकीन
ठंडे होंगे तो दर्द निकलेगा
ऐश उतरेगा वक्त का जब भी
चेहरा अन्दर से जर्द निकलेगा
कहनेवालों का कुछ नहीं जाता
सहने वाले कमाल करते हैं
कौन ढूंढें जवाब दर्दों के
लोग तो बस सवाल करते हैं
कल जो आयेगा जाने क्या होगा
बीत जाए जो कल नहीं आते
वक्त की शाख तोड़ने वालों
टूटी शाखों पे फल नहीं आते
कच्ची मिट्टी हैं, दिल भी इंसान भी
देखने ही में सख्त लगता हैं
आँसू पोछे तो आँसुओं के निशाँ
खुश्क होने में वक्त लगता हैं
- Artist:Bhupinder Singh
- Album:Thodisi Bewafai (1980)
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