Imaginary [Hindi translation]
Imaginary [Hindi translation]
भटकूँ मैं दरवाज़े के पास
जहाँ अलार्म क्लॉक की हैं चीख़
शैतान पुकारे मेरा नाम
रुकने दो ज़रा यहाँ
जहाँ हवा फुसफुसाएगी मुझे
जहाँ बारिश की बूँदें, गिरते हुए, सुनायेंगी एक कहानी
मेरी ज़मीन जहाँ हो काग़ज़ के फूल
और मीठी लोरियों के बादल
मैं लेटूँ अपने आप में घंटो तक
और देखूँ बैगनी आकाश मेरे ऊपर उड़ते हुए
मत कहना मुझे हूण सच्चाई से दूर
इस बढ़ती व्याप्त अराजकता में - तुम्हारी सच्चाई
जानू मैं क्या हैं आगे मेरे इस शरण शयनकक्ष के
वो डरावना सपना मैंने खुद बनाई दुनिया भागने के लिये
मेरी ज़मीन जहाँ हो काग़ज़ के फूल
और मीठी लोरियों के बादल
मैं लेटूँ अपने आप में घंटो तक
और देखूँ बैगनी आकाश मेरे ऊपर उड़ते हुए
अपनी ही चीख़ के शोर में डूबकर
नहीं ख़त्म हुआ डर उन अकेली रातों का
ओह, कितना मैं तरसू लम्बी गहरी नींद के सपनो के लिये
एक देवी काल्पनिक रोशनी की
मेरी ज़मीन जहाँ हो काग़ज़ के फूल
और मीठी लोरियों के बादल
मैं लेटूँ अपने आप में घंटो तक
और देखूँ बैगनी आकाश मेरे ऊपर उड़ते हुए
- Artist:Evanescence
- Album:Fallen (2003)